How to make Washing Machine | Small Scale Industry Business Guide in Hindi – Swarozgar
अपनी Small Indunstry स्थापित करने के लिए पिछली Posts में हमने Desert Cooler और Geyser निर्माण उद्योग के बारे में जाना था। मित्रों ! आज हम जानेंगे Washing Machines निर्माण उद्योग के बारे में। कूलरों और Geysers की माँग मौसम अनुसार घटती या बढ़ती रहती है, लेकिन कपड़े धोने की मशीनों तो हर मौसम में बनी रहती है। ख़ास बात ये है कि कपड़े धोने की मशीनों, कपड़े सुखाने की मशीनों, गीजरों और कूलरों के निर्माण के लिए एक ही प्रकार के कच्चे माल, मशीन इत्यादि की आवश्यकता होती है। इसलिए आप आसानी से अपने कारखाने में ये चारों उत्पाद बनाकर अपने व्यापार को विस्तार दे सकते हैं। और यही कारण है कि ये चारों Products अधिकतर एक ही कारखाने में बनाये जाते हैं। इन चारों का साथ उत्पादन करने से मशीनों और कारीगरों का अधिकतम उपयोग संभव हो जाता है।
इस Post में हम इन चारों Products के उत्पादन में उपयोग में आने वाली Machines का विवरण विस्तार से जानेंगे।
मशीनें और उनकी कीमत (Plant & Machinery)
यदि आप इस उद्योग के बारे में Serious हैं और ढांचा इत्यादि सामान भी अपने ही कारखाने में बनाना चाहते हैं तो आपको कुछ मशीनों की आवश्यकता होगी। आपको यह उद्योग किसी औद्योगिक क्षेत्र में लगाना चाहिए। इस उद्योग के लिए लगभग 300-400 मीटर स्थान पर्याप्त है। अपने इस कारखाने में दस हॉर्स पावर तक का विद्युत् कनेक्शन पर्याप्त रहता है। इस उद्योग में काम आने वाली मुख्य मशीनें इस प्रकार है –

शियरिंग मशीन (Shearing Machine) – यह मशीन उत्पादों के ढांचे इत्यादि बनाने के लिए लोहे की चद्दर काटने के काम आती है। इस मशीन में एक मेज बनी होती है और इस्पात का बना एक कटर (बड़ी छुरी) लगी होती है। चद्दर को जहाँ से काटना होता है उस भाग को मेज पर कटर के नीचे रखकर मोटर चालू करते हैं। इससे कटर नीचे गिरकर चद्दर को काट देती है। इस मशीन की कीमत इसके भार और माप के अनुसार 10 हजार से 1 लाख तक हो सकती है।

दाब प्रेस – यह मशीन कटी हुई चद्दरों को आकार देने के काम आती है। इस मशीन से हम चद्दर को आवश्यकता के अनुसार मोड़ सकते हैं। यह मशीन भी पहली मशीन की तरह वजन में भारी है परन्तु चलाने में एकदम आसान। इस मशीन में डिजाईन के अनुरूप डाइयाँ लगाकर चद्दर को निश्चित आकार दिया जाता है।
वैसे तो बड़ी दाब प्रेस से हल्के और भारी दोनों ही कार्य किये जा सकते हैं परन्तु फिर भी छोटे-मोटे कार्यों के लिए एक छोटी दाब प्रेस भी लगा लेनी चाहिए क्योंकि उससे एक व्यक्ति भी सुगमता से अपना कार्य कर सकता है।
छोटी दाब प्रेस की कीमत लगभग 5-8 हजार तथा बड़ी दाब प्रेस तीस हजार से साठ हजार के मध्य आती है।

स्पार्क वेल्डिंग तथा आर्क वेल्डिंग मशीनें –
ढांचे के लिए चद्दरें काटने और आकार देने के बाद अब बारी आती है उन्हें जोड़ने की। स्पॉट वेल्डिंग मशीन टिन की चद्दर पर बिना कोई निशान छोड़े मजबूत वेल्डिंग करने के काम आती है। यह मशीन वजन में काफी हल्की होती है। इस मशीन से कार्य करने के लिए एक मिस्त्री और एक सहायक की आवश्यकता होती है। एल्युमीनियम की चद्दर को जोड़ने या टिन की चद्दर में छेद आदि भरने के कार्य आर्क वेल्डिंग मशीन से किया जाता है। ये दोनों मशीनें लगभग 15 हजार रुपये में आ जाती हैं।

बफ्फिंग मशीन – वेल्डिंग करने के बाद तैयार ढांचे को चिकना बनाने और चमकाने के लिए यह मशीन काम में आती है। बिजली से चलने वाली इस मशीन में दो गोल पत्थर लगे होते हैं। एक घिसाई के लिए और दूसरा polish करने के लिए। इसका काम अलग कमरे में करना चाहिए क्योंकि इसे चलाते समय लोहकण की धूल उड़ती है। यह मशीन 4 से 5 हजार रूपये में आ जाती है। इसके साथ ही रेगमाल, प्लास, छैनी, हथौड़े आदि छोटे-मोटे औजार भी आवश्यक हैं।

रंगाई Department के उपकरण – घिसाई आदि के बाद तैयार मशीनों पर स्प्रे-पेंटिंग मशीन द्वारा रंग किया जाता है। इसके बाद उसे भट्टी में पकाया जाता है। इस कार्य के लिए एक बड़ी भट्टी बनवाई जाती है। इसे गर्म करने के लिए अन्दर कई हीटर लगाए जाते हैं। एक साथ 10 मशीनें पकाने की क्षमता वाली भट्टी बनाने में लगभग 15 हजार रुपये की लागत आती है। रंगाई के लिए स्प्रेगन, कम्प्रेसर और मोटर को जोड़कर बनाई गई स्प्रेमशीन लगभग 5-7 हजार रुपये में आती है। इसके साथ ही हाथ के ब्रश, पुटी भरने की पट्टी आदि छोटी-मोटी चीजों की भी जरुरत पड़ती है।
Assembling Room के उपकरण – असेम्बलिंग रूम में कुशल मिस्त्री तथा उसका सहायक प्रोडक्ट के ढांचे, मशीन व अन्य भागों को जोड़कर तैयार करते हैं। इस कमरे में केवल कुछ छोटे औजारों की आवश्यकता होती है। जैसे -हथौड़ी, ड्रिल, पलास, पेचकस इत्यादि। मशीन तैयार हो जाने पर उसे चेक किया जाता है कि मशीन कहीं करंट तो नहीं मारती, या कोई अन्य खराबी तो नहीं।
कच्चा माल Raw Material कहाँ से प्राप्त करें ?
Washing Machine का बाहरी ढांचा 18 गेज की टिन की शीट से बनाया जाता है। इसके अन्दर का ड्रम एल्युमीनियम की चद्दर से बनता है। कुछ नल वाले लोहे के पाइप, कब्जों, नट-बोल्टों, पेचों व फुटकर लोहे के सामान की आवश्यकता होती है जो लोहे के सामान बेचने वालों से प्राप्त हो सकता है। मशीन में एक मोटर लगती है जो आप स्वयं अपने यहाँ भी बनवा सकते हैं लेकिन यह किसी अच्छी कम्पनी की लेना बेहतर है। मशीन में काम में लिए जाने वाले बिजली के तार, Switches, प्लग आदि थोक विक्रेता से लेने चाहिए। मशीन का प्लास्टिक का ढक्कन और Wings अपनी डाई देकर के किसी प्लास्टिक वर्क्स से बनवाई जा सकती है,अथवा प्लास्टिक की जगह टिन के ढक्कन का प्रयोग कर सकते हैं और Wings बाजार से प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रकार सामान लेकर आप अपना काम शुरू कर सकते हैं।
Washing Machine बनाने की विधि Manufacturing Process –
वाशिंग मशीन बनाने के लिए सबसे पहले मशीन की Size के according टिन की चद्दर को Shearing मशीन से काट कर दाब प्रेस और डाइयों के द्वारा बाहरी ढांचे का आकार दिया जाता है। इसके बाद इसे वेल्डिंग मशीन द्वारा जोड़कर Buffing मशीन से साफ़ व चमकाया जाता है। इसी तरह अन्दर का एल्युमीनियम का ड्रम बनाया जाता है।

टिन के बाहरी ढांचे पर पोटीन चढ़ाकर स्प्रेमशीन से कलर किया जाता है। इसके बाद इसे लगभग दो घंटे भट्टी में पकाते हैं। इसके बाद इन दोनों ड्रमों को Assembling Room में ले जाकर कुशल मिस्त्रियों द्वारा इसमें मशीन व सभी पुर्जे जोड़कर तैयार कर लिया जाता है। इस उद्योग में चार-पांच कुशल कारीगर, दो विद्युत् मिस्त्री और पांच-छह हेल्पर्स की आवश्यकता होती है। छोटे स्तर पर कार्य शुरू करने के लिए इस उद्योग को चार-पांच लाख रुपये से प्रारम्भ किया जा सकता है।
इस प्रकार आप वाशिंग मशीन बनाकर अपना उद्योग कर सकते हैं और इसे बना सकते हैं अपना स्वरोज़गार। अगली पोस्ट में हम जानेंगे Clothes Drying Machines निर्माण उद्योग के बारे में।
Washing mashin
Dear sir/madam,
Can I get the detailed project report on desert cooler and washing machine manufacturing.
Thanks and Regards
Yogesh
7875434413
sir mam.desert coler electric iron trinneng kwha sa karu